NRI News :- जगदीश शेट्टार ने रविवार को ही भाजपा से इस्तीफा दिया था। उसके बाद से ही ऐसी चर्चाएं थी कि शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का कहना है कि शेट्टार ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, डीके शिवकुमार, रणदीप सुरजेवाला, सिद्धारमैया और केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। बता दें कि जगदीश शेट्टार ने रविवार को ही भाजपा से इस्तीफा दिया था। उसके बाद से ही ऐसी चर्चाएं थी कि शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। शेट्टार ने भाजपा से इस्तीफा देते हुए कहा था कि उन्होंने भारी मन से पार्टी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा करेंगे, साथ ही कहा था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा छोड़ने का उभरा दर्द
कांग्रेस में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए जगदीश शेट्टार ने कहा कि 'मैंने कल भाजपा से इस्तीफा दिया था और आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया। कई लोग इस बात से हैरान हैं कि नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे नेता ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। भाजपा ने मुझे हर पद दिया और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा पार्टी के विकास के लिए काम किया।'
शेट्टार ने कहा कि 'पार्टी का वरिष्ठ नेता होने के नाते मुझे लगा कि मुझे टिकट मिलेगा लेकिन जब मुझे पता चला कि मुझे टिकट नहीं मिल रहा है तो मैं हैरान रह गया। मुझसे इस बारे में किसी ने बात नहीं की और ना ही मुझे समझाने की कोशिश की। यहां तक कि मुझे तसल्ली भी नहीं दी गई कि मुझे क्या पद दिया जाएगा।'
कांग्रेस में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए जगदीश शेट्टार ने कहा कि 'मैंने कल भाजपा से इस्तीफा दिया था और आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया। कई लोग इस बात से हैरान हैं कि नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे नेता ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। भाजपा ने मुझे हर पद दिया और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा पार्टी के विकास के लिए काम किया।'
शेट्टार ने कहा कि 'पार्टी का वरिष्ठ नेता होने के नाते मुझे लगा कि मुझे टिकट मिलेगा लेकिन जब मुझे पता चला कि मुझे टिकट नहीं मिल रहा है तो मैं हैरान रह गया। मुझसे इस बारे में किसी ने बात नहीं की और ना ही मुझे समझाने की कोशिश की। यहां तक कि मुझे तसल्ली भी नहीं दी गई कि मुझे क्या पद दिया जाएगा।'