NRI News :- पॉलिसी के नियमों और शर्तों को अच्छे से समझे

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NRI News :- स्वास्थ्य बीमा या हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना अचानक आने वाले मेडिकल आपात से खुद को बचाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले यह महत्वपूर्ण है कि बाद में किसी भी भ्रम या निराशा से बचने के लिए पॉलिसी के नियमों और शर्तों को अच्छे से समझ लेना चाहिए।

एक ऐसा ही शब्द है 'डिडक्टिबल' या कटौती। इसे थोड़ा और समझने की जरूरत होती है। कोई भी डिडक्टिबल, दावा का वह हिस्सा है जो बीमा लेने वाले को नुकसान की भरपाई करने से पहले उसे वहन करना होता है। आपको एक निश्चित पूर्व-निर्धारित सीमा तक लागत वहन करनी होगी और बीमा कंपनी पूरी उपचार लागत पर डिडक्टिबल सीमा को पार करने के बाद ही दावे का भुगतान करेगी।

टॉप-अप प्लान में डिडक्टिबल  
टॉप-अप प्लान में कटौती भी होती है, जो अलग तरीके से काम करती है। एक टॉप-अप योजना में, डिडक्टिबल वह सीमा है जिस तक आधार पॉलिसी या बीमित व्यक्ति क्लेम लागत वहन करता है। टॉप-अप प्लान मामूली प्रीमियम पर आपके मूल इंश्योरेंस प्लान को बढ़ाने में मदद करते हैं। टॉप-अप पॉलिसी दो प्रकार की होती हैं। नियमित टॉप-अप और सुपर टॉप-अप। नियमित टॉप-अप में एकल-घटना डिडक्टिबल होती है।

डिडक्टिबल या कटौती क्या है?
मान लें कि आपकी पॉलिसी में डिडक्टिबल राशि 3,000 रुपये है और आपकी दावा राशि 20,000 रुपये है। इसका मतलब है कि बीमाकर्ता नुकसान के लिए 17,000 रुपये का भुगतान करेगा और आपको 3,000 रुपये वहन करना होगा। इसका मतलब यह है कि डिडक्टिबल राशि तक का कोई भी दावा कंपनी द्वारा देय नहीं है। दिए गए उदाहरण में बीमाकर्ता 3000 से कम के किसी भी दावे का भुगतान नहीं करेगा। स्वास्थ्य बीमा में दो प्रकार के डिडक्टिबल होते हैं। पहला अनिवार्य और दूसरा स्वैच्छिक।

अनिवार्य डिडक्टिबल : यह कटौती अनिवार्य होती है। यह एक निश्चित राशि होती है जो बीमा कंपनी पॉलिसी में डालती है। इसके तहत बीमित व्यक्ति दावे के शुरुआती हिस्से को वहन करेगा। जबकि बीमा कंपनी बाकी का भुगतान करेगी। यह कटौती प्रीमियम को प्रभावित नहीं करती है।

स्वैच्छिक कटौती : इसके तहत बीमा लेने वाला स्वैच्छिक कटौती की सीमा को चुनता है। पॉलिसीधारक दावे के एक निश्चित हिस्से के भुगतान को चुनता है। यह राशि बीमित व्यक्ति के हिसाब से अलग-अलग होती है।


स्वैच्छिक कटौती बीमा प्रीमियम के उल्टा अनुपात में होती है। कटौती जितना ज्यादा होगी, प्रीमियम उतना ही कम होगा। यह प्रीमियम को कम करने में मदद करती है, पर हर किसी को यह समझ लेना चाहिए कि यह बाद में दावे के एक हिस्से को वहन करने की कीमत पर आता है।  इसलिए इसके बारे में सतर्क रहना चाहिए। अगर आप दावे के दौरान अधिक राशि वहन कर सकते हैं तो ही आपको स्वैच्छिक कटौती का विकल्प चुनना चाहिए।


मान लें कि मूल पॉलिसी का सम इंश्योर्ड 3 लाख रुपये है और टॉप-अप व सुपर टॉप-अप पर तीन लाख रुपये की डिडक्टिबल है। अब दो-दो लाख रुपये के दो दावे हैं। टॉप-अप के मामले में, बेस पॉलिसी पहले क्लेम के लिए दो लाख रुपये और दूसरे क्लेम के लिए एक लाख रुपये का भुगतान करेगी। इस स्थिति में टॉप-अप प्लान प्रभावी नहीं होगा क्योंकि प्रत्येक दावे की व्यक्तिगत राशि तीन लाख की डिडक्टिबल सीमा के भीतर थी।

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेते समय यह सुनिश्चित करें कि वह कम से कम प्रतिबंधों वाली पॉलिसी हो, जिसमें आप बिना किसी चिंता के गुणवत्तापूर्ण इलाज प्राप्त करने में सक्षम हैं। 

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