NRI News :- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगातार दूसरे दिन ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटनास्थल पर चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन हादसे की वजह के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है। हादसे के कारण का पता लग गया है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। रेल मंत्री ने खुलासा किया कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगातार दूसरे दिन ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटनास्थल पर चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन हादसे की वजह के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है। हादसे के कारण का पता लग गया है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। रेल मंत्री ने खुलासा किया कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है।
हादसे की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनगा बाजार स्टेशन से पहले मुख्य के बजाय लूप लाइन पर चली गई थी, जहां उसकी टक्कर पहले से खड़ी मालगाड़ी से हुई। सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए अप मेनलाइन का सिग्नल दिया गया और बाद में हटा लिया गया। इससे ट्रेन लूप लाइन में घुस गई। मालगाड़ी से टकराने के बाद उसके कुछ कोच पटरी से उतर गए। इस बीच बंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो कोच पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच से टकराने के बाद पलट गए।
128 किमी की गति से दौड़ रही थी ट्रेन
कोरोमंडल एक्सप्रेस 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी, वहीं बंगलूरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 116 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी।
2,500 से अधिक थे यात्री
दोनों ट्रेनों में 2,500 से अधिक यात्री सवार थे। हादसे के बाद भटके 1,500 यात्रियों को विशेष ट्रेनों से उनकी मंजिल तक पहुंचाया जा रहा है। शनिवार को 1,000 यात्रियों को हावड़ा पहुंचाया गया। एक अन्य ट्रेन से 200 यात्री बालासोर से हावड़ा लाए जा रहे हैं। भद्रक से चेन्नई के लिए विशेष ट्रेन में 250 यात्री रवाना हुए। इनमें 133 यात्री चेन्नई, 41 विशाखापट्टनम व बाकी अन्य शहरों में उतरेंगे।
200 एंबुलेंस, वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर तैनात
अधिकारियों ने बताया, 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 मोबाइल स्वास्थ्य यूनिट दुर्घटनास्थल पर काम कर रही थीं। वायुसेना ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बाहर निकालने के लिए डॉक्टरों की टीम के साथ दो एम-आई हेलिकॉप्टर तैनात किए थे