NRI News :-आज विश्व प्रसिद्ध ओड़िशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की निकलेगी रथ यात्रा

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 NRI News :- आज विश्व प्रसिद्ध ओड़िशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी। हर वर्ष यह यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होकर आषाढ़ शुक्ल की दशमी तक चलती है। इस रथ को देखने के लिए और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद पाने के लिए देश-दुनिया से भक्त बड़ी संख्या में पुरी आते हैं। इस बार भी तीर्थ नगरी पुरी में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। इसको लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गया है।

परिवहन आयुक्त अमिताभ ठाकुर ने कहा कि पुरी में सुरक्षा बलों के 180 प्लाटून (1 प्लाटून में 30 कर्मी होते हैं) तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुचारू यातायात प्रबंधन के लिए शहर को अलग-अलग जोन और सेक्शन में बांटा गया है। समुद्र तट पर गश्त के लिए एक तटरक्षक हेलीकॉप्टर को भी लगाया गया है।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो जुलाई तक पारादीप में इंटरसेप्टर नौकाएं तैनात रहेंगी। एक अधिकारी ने कहा कि त्योहार के दौरान कुल 125 विशेष ट्रेनें पुरी आएंगी। साथ ही, ड्रोन कैमरों की सहायता से बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे रथ यात्रा के दौरान निगरानी रखेंगे।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि मंगलवार को भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को श्री गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा तो पुरी में लगभग 10 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है। इस बीच, देवताओं के तीन विशाल रथों को उत्सव के लिए 12वीं शताब्दी के श्री जगन्नाथ मंदिर के सामने खड़ा किया गया है।

अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होगी यात्रा
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होगी। रथ पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं।
क्यों निकाली जाती है हर साल रथ यात्रा ?
हर वर्ष आषाढ़ माह की द्वितीया से लेकर दशमी तिथि तक भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ यात्रा पर निकलते हैं। दरअसल इस रथ के पीछे पौराणिक मान्यता है, जिसके अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से उनकी बहन सुभद्रा ने द्वारका देखने इच्छा को व्यक्त किया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन की इस इच्छा को पूरा करने के लिए सुभद्रा और बलभद्र जी को रथ पर बैठाकर द्वारका की यात्रा करवाई थी। इस तरह से हर साल भगवान जगन्नाथ के संग बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा निकली जाती है।

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