NRI News :- विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज के प्रदर्शन पर उनका गांव खंडरा झूम उठा

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World Athletics Championships 2023 Javelin Throw Gold Medal Winner Neeraj Chopra Family Background Full Detail
नीरज चोपड़ा की जीत पर परिवार में जश्न - फोटो : अमर उजाला

NRI News :-नीरज चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पासआउट हुए हैं। मौजूदा समय में वे आर्मी में सूबेदार के पद पर नौकरी कर रहे हैं। जेवलिन थ्रोअर बनने की तैयारियों करते हुए एक दौर ऐसा आया, जब नीरज के पास जेवलिन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। अच्छी जेवलिन की कीमत डेढ़ लाख रुपये थी, पर नीरज ने हौसला नहीं खोया।

टोक्यो ओलंपिक के गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा ने अपना गोल्डन सफर जारी रखा है। नीरज ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है।  हरियाणा में पानीपत के गांव खंदरा के रहने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा आज भी संयुक्त परिवार में रहते हैं। 

चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को सतीश कुमार और सरोज देवी के घर हुआ। नीरज के परिजन साधारण किसान हैं। नीरज के पिता खेती करते हैं, वहीं उनकी माता गृहिणी हैं। नीरज के पिता चार भाई है और उनका संयुक्त परिवार है। घर में परिवार के सभी 17 सदस्यों के लिए आज भी एक ही चूल्हे पर खाना बनता है।

नीरज के पिता व तीनों चाचा खेती करके अपने संयुक्त परिवार को पाल रहे हैं। नीरज की कक्षा नौ तक की शिक्षा खंदरा के पास स्थित गांव भालसी में भारतीय विद्या निकेतन स्कूल में हुई। इसके बाद नीरज ने कक्षा 10 से लेकर 12 तक की पढ़ाई ओपन स्कूल से की।  

नीरज चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पासआउट हुए हैं। मौजूदा समय में वे आर्मी में सूबेदार के पद पर नौकरी कर रहे हैं। जेवलिन थ्रोअर बनने की तैयारियों करते हुए एक दौर ऐसा आया, जब नीरज के पास जेवलिन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। अच्छी जेवलिन की कीमत डेढ़ लाख रुपये थी, पर नीरज ने हौसला नहीं खोया। पिता सतीश कुमार व चाचा भीम सिंह चोपड़ा से सात हजार रुपये लेकर सस्ता जेवलिन खरीदा और हर दिन आठ घंटे अभ्यास किया।

 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज के प्रदर्शन पर उनका गांव खंडरा झूम उठा। ग्रामीणों का भी मैच से पहले ही मानना था कि इस बार फिर से गांव का बेटा भाला फेंक स्वर्ण जीतकर लाएगा। नीरज के जीतते ही गांव में भी दिवाली जैसा माहौल हो गया।

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